माँ संतोषी की कथा क्या आप जानते है की उनके पिता और भाई कौन है ?


      माँ संतोषी की कथा आप लोगों ने जरूर सुनी और पढ़ी होगी, क्या आप जानते हो की माँ संतोषी का हमारे प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश से उनका क्या नाता है ! सिद्धिविनायक भगवान गणेश की दो पत्नियां और दो पुत्र हैं. जिन्हें शुभ-लाभ के नाम से जाना जाता है. इनके अलावा गणपति की एक पुत्री भी है. जानिए उनकी पुत्री के जन्म की अनकही कथा और भगवान गणेश के परिवार के वारे। तो चलिए इस लेख में आप को इस कथा से अवगत कराते है.


 

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Photo  Credit : Good morning Hindi
शुक्रवार के दिन आप जिन माता संतोषी की पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद कठिन नियमों वाला व्रत रखते हैं, वे माता संतोषी गणेश जी की पुत्री और शुभ-लाभ की बहन हैं. मां संतोषी को प्रेम, क्षमा, संतोष और उम्मीद का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति 16 शुक्रवार तक मां संतोषी का पूजन या व्रत कर ले तो उस पर माता की असीम कृपा बरसती है और उसके सारे दुख दूर होते हैं. संतोषी माता के जन्म की कथा बहुत ही रोचक है. जानिए मां संतोषी के जन्म की कथा.


ये है संतोषी माता के जन्म की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान गणपति अपनी बहप से रक्षा सूत्र बंधवा रहे थे और गिफ्ट का लेन-देन चल रहा था. तभी गणेश जी से उनके पुत्रों ने इस रस्म के बारे में पूछा. तब गणेश जी ने कहा कि ये धागा नहीं, रक्षासूत्र आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. ये बात सुनकर शुभ-लाभ बड़े उत्साहित हुए और उन्होंंने गणेश जी से कहा कि उन्हें भी एक बहन चाहिए, जिससे वो भी इस रक्षासूत्र को बंधवा सकें.शुभ-लाभ की इस मनोकामना को पूरा करने के लिए भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्प‍न्न की और दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मिलित कर लिया. इस ज्योति ने कुछ देर बाद एक कन्या का रूप ले लिया, जिसका नाम संतोषी रखा गया. तब से उस कन्या को संतोषी माता के नाम से जाना जाने लगा. चूंकि संतोषी माता का जन्म शुक्रवार के दिन हुआ था, इसलिए उनकी पूजा और व्रत आदि शुक्रवार के दिन ही किए जाते हैं. क्या आप माता संतोषी के पिता और भाई को जानते है ?


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ये है भगवान गणेश का परिवार
भगवान गणेश के माता-पिता का नाम शिव-पार्वती है.
भाई कार्तिकेय और बहन अशोक सुंदरी हैं. सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा को भी गणेश जी का भाई बताया जाता है.पत्नी रिद्धि-सिद्धि, पुत्र शुभ-लाभ और पुत्री का ना संतोषी है.तुष्टि और पुष्टि शुभ-लाभ की पत्नी और गणेशजी की बहुएं हैं. आमोद और प्रमोद गणेश जी के पोते हैं.

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. गणपति बुद्धिदाता होने के साथ शुभकर्ता भी माने जाते हैं. जहां सब कुछ शुभ हो, वहां कभी कोई विघ्न नहीं हो सकता. इसीलिए गणपति को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. गणेश जी का विवाह रिद्धि-सिद्धि के साथ हुआ था और शुभ-लाभ उनके दो पुत्र बताए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश भगवान की एक पुत्री भी थीं ?

विशेष नोट :- इस लेख को लिखने का उद्देश्य माँ संतोषी की कथा से जनमानस को अवगत कराना मात्र लेकिन किसी भी तथ्य को इस ब्लॉग पर प्रमाणित नहीं किया जाता है यह लेख लोक गाथाओं और कथाओ पर आधारित है.
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