नागपंचमी त्योहार क्यों मनाया जाता है: इतिहास, और तथ्य

 

प्रस्तावना:


भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। भारतीय त्योहारों के अनेक पर्व पौराणिक और धार्मिक कथाओं से जुड़े होते हैं। नागपंचमी एक ऐसा प्रमुख हिंदू त्योहार है जो सर्प (नाग) भगवान् शिव के प्रिय वाहन हैं, उनकी पूजा और आराधना के अवसर पर मनाया जाता है। यह लेख नागपंचमी के इतिहास, तथ्य और महत्व को विस्तार से वर्णन करेगा।


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नागपंचमी का परिचय:


भारतीय त्योहारों का महत्व:


भारत एक विविधतापूर्ण देश है जहां अनेक जातियों, धर्मों, और भाषाओं के लोग रहते हैं। इसलिए, यहां अनेक त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं जो रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में रंग भर देते हैं।


नागपंचमी का महत्व:


नागपंचमी भारतीय त्योहारों में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सर्प देवता की पूजा के लिए समर्पित है। इसे श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार जुलाई या अगस्त के बीच पड़ती है।

नागपंचमी के इतिहास का अध्ययन:


नागपंचमी का इतिहास विशाल और रोचक है। यह पर्व प्राचीन समय से ही मनाया जा रहा है और विभिन्न पुराणों में इसका उल्लेख है। इसे संस्कृत के पुराणिक ग्रंथों में भी मिलता है।

नागपंचमी के प्रमुख पुराणिक कथाएं:


समुद्र मंथन (समुद्र शिरोधारण):

नागपंचमी के पीछे एक प्रमुख कथा है भगवान् शिव और देवता और दानवों के बीच हुए "समुद्र मंथन" की। इस मंथन के दौरान विष पीकर सर्प देवता भगवान् शिव के गले पर वाहन के रूप में उपस्थित होते हैं। इसी कारण नागपंचमी को भगवान् शिव के साथ जुड़ा देखा जाता है।


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कृष्ण और कालिया नाग:

एक और प्रसिद्ध कथा है कृष्ण और कालिया नाग की। कृष्ण ने मथुरा के तट पर रहने वाले कालिया नाग को पराजित किया और उसके सिर पर नृत्य करके उसे अपने विषाल अभिषेक से विमुक्त किया था। इस घटना के बाद, लोग नागपंचमी के दिन सर्प देवता की पूजा करने लगे।


  धार्मिक महत्व: नागपंचमी को सर्प देवता की पूजा का अवसर माना जाता है। लोग भगवान शिव, विष्णु और परशुराम के श्राप से रक्षा प्राप्त करने के लिए सर्प देवता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


कृषि सम्बन्धी महत्व: सर्पों की पूजा से भूमि की रक्षा का माना जाता है। इस दिन को खेतों में जाने वाले साँपों को प्रतीकात्मक रूप से पूजा जाता है ताकि फसलों को सर्पों और विषाणु से बचाया जा सके।


परंपरागत संस्कृति: भारतीय संस्कृति में सर्पों को पूजनीय माना जाता है। नागपंचमी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।



नागपंचमी को हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग देवता हिंदू मिथकों और पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें भगवान शिव के भागीरथी पुत्र माना जाता है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना करने से भयंकर सापों से रक्षा होती है और लोगों को संकट से मुक्ति मिलती है।


 प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और पार्वती जी ने स्वर्ग में तांडव नृत्य किया था। इस नृत्य के कारण स्वर्ग के द्वारपाल नागराज वासुकि का सिर फट गया और उनका स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया। नागराज वासुकि ने अपने प्राणों की रक्षा के लिए भगवान शिव से वरदान मांगा कि वह भूलों पर अवतार धारण करें और उनकी पूजा करते रहें। इससे भगवान शिव ने वासुकि की विनती स्वीकार की और उन्होंने नागपंचमी का त्योहार स्थापित किया।



नागपंचमी को एक पौराणिक महत्व और भी है, जिसमें भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के साथ एक महान लड़ाई की थी। कालिया नाग यमुना नदी में रहता था और उसके वज्री मुख से विष बहने के कारण नदी का पानी विषाकर हो गया था। भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के साथ मुठभेर लड़ाई करके उसे शिकस्त दी और नदी को विषमुक्त किया। इससे भी नागपंचमी का महत्व बढ़ जाता है।


नागपंचमी का उत्सव और रीति-रिवाज़: व्रत और पूजा:


नागपंचमी के दिन लोग व्रत रखते हैं और सर्प देवता की पूजा करते हैं। मंदिरों में सर्प देवता की मूर्तियों को खास ढंग से सजाकर उन्हें पूजा जाता है।


नागदेव के विशेष मंत्र और स्तोत्र:


पंचमी के दिन सर्प देवता के विशेष मंत्र और स्तोत्र का जाप किया जाता है, जो सर्प देवता को प्रसन्न करता है और उनके आशीर्वाद से लोगों को सर्पदोष से मुक्ति मिलती है।


सांप और सर्प देवता के दर्शन:


नागपंचमी के दिन लोग सांपों को दूध और दिव्य वस्त्र देते हैं और सर्प देवता के मंदिरों में उनके दर्शन करते हैं।


नागपंचमी का सांस्कृतिक महत्व: धार्मिक दृष्टिकोण:


नागपंचमी का त्योहार धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह सर्प देवता की पूजा और आराधना का अवसर प्रदान करता है।


सांपों के प्रति संरक्षण:


नागपंचमी के दिन लोग सांपों के प्रति भी संरक्षण भावना रखते हैं और उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसका पीछा प्राचीन समय से चली आ रही है।


नागपंचमी का सामाजिक महत्व: संप्रदायिक संबंधों का मज़बूतीकरण:


यह त्योहार परिवार और समुदाय के संबंधों को मज़बूत करता है। लोग इसे साथ मिलकर मनाते हैं और एक-दूसरे के साथ भाईचारे का आनंद लेते हैं।


परंपरा और संस्कृति की रक्षा:


नागपंचमी के जरिए भारतीय परंपरा और संस्कृति की रक्षा की जाती है। यह त्योहार अपने पूर्वजों से आयोजित किया जाता है और इससे भारतीय संस्कृति का अभिवादन किया जाता है।


देश के अलग अलग राज्यों में नागपंचमी त्यौहार अलग अलग नामों के साथ मनाया जाता है ---

कुछ उदाहरण राज्यों और उनके अलग-अलग नाम निम्नलिखित हैं:


उत्तर प्रदेश में, इसे नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है।

महाराष्ट्र में, इसे नाग पंचमी या शेषपंचमी के नाम से पुकारा जाता है।

गुजरात में, यह त्योहार नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है।

कर्नाटक में, इसे नागरपंचमी या नाग पूजा के नाम से पुकारा जाता है।

बंगाल में, यह त्योहार मनसा पूजा या मनसा देवी जयंती के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि लोग मनसा देवी की पूजा करते हैं।


समाप्ति:


नागपंचमी भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है जो सर्प देवता की पूजा और आराधना के अवसर को दर्शाता है। इसका इतिहास विशाल और रोचक है और यह त्योहार सांपों के प्रति संरक्षण और भारतीय संस्कृति की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नागपंचमी को समृद्धि, शुभकामनाएं, और सामाजिक संबंधों को मज़बूत करने का एक अवसर माना जाता है।






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