परिचय
आज का हमारा लेख इस बात पर आधारित की लोग इतना झूठ क्यों बोलते है, (why people telling lies ) लोगोँ के द्वारा झूठ बोलने का कारण कई प्रकार से हो सकता है। यह एक सामाजिक और मानसिक प्रक्रिया है जिसमें उनके व्यक्तिगत, पेशेवर और परिवारिक माहौल के कारण झूठ बोलने की आवश्यकता महसूस होती है। झूठ बोलने वालोँ के लिए श्री राम चरित मानस में बाबा गोस्वामी श्री तुलसीदास जी ने लिखा - "झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना" अर्थात झूठ बोलने वालों के लिए झूठ ही सब कुछ है
और अंत में, जो आदत से मजबूर हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ये लोग अक्सर अपने आत्म-मूल्य की भावना को बनाए रखने, परेशानी से दूर रहने, अवसरों का लाभ उठाने और दूसरों को धोखा देने के लिए झूठ बोलते हैं।
यदि आप ऑनलाइन दोस्ती पर अधिक भरोसा करते हैं क्योंकि इंटरनेट पर लोग अपनी शिक्षा और आय को वास्तविक उम्र से छिपाते हैं, तो ठगे जाने का अधिक खतरा होता है। एन. सी. बी. आई. ( N.C.B.I ) के वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार,
यहां तक कि अगर हर कोई झूठ बोल रहा है, तो केवल 1% लोगों-पुलिस, वकील और न्यायाधीश-के पास झूठ बोलने की प्रतिभा है। हालाँकि, हर किसी के पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है। एनसीबीआई (N.C.B.I.) के आंकड़ों के अनुसार, 50% से अधिक उत्तरदाता असत्य का अनुमान लगाने में भी असमर्थ हैं। सत्य और असत्य के बीच अंतर करने की क्षमता पुलिस, न्यायाधीशों और वकीलों के बीच थोड़ी बेहतर है। पृथ्वी पर 1% से कम लोगों को झूठ को तुरंत पहचानने की क्षमता का उपहार दिया जाता है। वे आसानी से समझ जाते हैं कि सामने वाले लोग कब गाना बजा रहे हैं, लोगों की हरकतों और बोलने के तरीके से। जब सच खेला जा रहा है, तो झूठ बोलो।
2. रोजगार के अवसरों की भागदौड़ (Job opportunity): कई बार लोग अपने रोजगारी अवसरों को बढ़ावा देने के लिए झूठ बोलते हैं, जैसे कि किसी काम के लिए उनके पास अनुभव है जब वास्तविकता में नहीं है।
3. स्वतंत्रता की कमी (Lack of Freedom ): कई बार लोग अपनी स्वतंत्रता की कमी के कारण झूठ बोलते हैं, ताकि उन्हें अपने कार्यों को स्थापित करने का मौका मिले।
4. सामाजिक स्थिति और प्रतिष्ठा (Social status and Prestige ): लोग कई बार झूठ बोलकर अपनी स्थिति और प्रतिष्ठा को बचाने का प्रयास करते हैं, ताकि उनकी समाज में मान्यता बनी रहे।
2. व्यक्तिगत झूठ (Individual lies): इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए झूठ बोलता है, जैसे कि किसी कोई सामान देने का बहाना बनाता है ताकि उसे कुछ मिल सके।
3. आवश्यकता के झूठ: ऐसे झूठ को बोला जाता है जो किसी परिस्थिति को बेहतर बनाने के लिए बोला जाता है, जैसे कि अस्पताल में अपने रिश्तेदारों की हालत को बेहतर दिखाने के लिए।
2. व्यक्तिगत और सामाजिक परेशानी: झूठ के परिणामस्वरूप व्यक्तिगत और सामाजिक स्थितियों में परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।
3. जानकारी की कमी: झूठ बोलने से जानकारी की सटीकता में कमी हो सकती है, जिससे गलत निर्णय लिया जा सकता है।
हर दिन 60% लोग झूठ बोलते हैं।
नेशनल ज्योग्राफिक के एक शोध के अनुसार, 18 से 44 वर्ष की आयु के 59 प्रतिशत लोग प्रतिदिन एक से पांच झूठ बोलते हैं। इस बीच, 15% उत्तरदाताओं ने प्रति दिन पांच बार से अधिक झूठ बोलने की बात स्वीकार की। 10 मिनट की चैट में, 60% वयस्क, एक अलग शोध के अनुसार, कम से कम एक झूठ बोलते हैं।डॉ. बिंदा का कहना है कि झूठ बोलने वालों की तीन श्रेणियाँ हैं
सबसे पहले, वे लोग जिन्हे मस्तिष्क से सम्बंधित बीमारी की स्थिति के परिणामस्वरूप झूठ बोलने के आदी हो जाते हैं। अन्य लोग धोखा देने या अपराध करने के लिए झूठ का उपयोग करते हैं।और अंत में, जो आदत से मजबूर हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ये लोग अक्सर अपने आत्म-मूल्य की भावना को बनाए रखने, परेशानी से दूर रहने, अवसरों का लाभ उठाने और दूसरों को धोखा देने के लिए झूठ बोलते हैं।
यदि आप ऑनलाइन दोस्ती पर अधिक भरोसा करते हैं क्योंकि इंटरनेट पर लोग अपनी शिक्षा और आय को वास्तविक उम्र से छिपाते हैं, तो ठगे जाने का अधिक खतरा होता है। एन. सी. बी. आई. ( N.C.B.I ) के वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार,
- 49% और 65% झूठे अपने रोजगार को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं।
- झूठ में 36% संपत्ति और 32.5% शिक्षा शामिल है।
- 23% लोग अपने लिंग के बारे में झूठ बोलते हैं।
- उन लड़कों और लड़कियों का प्रतिशत जिन्होंने अपनी उपस्थिति, कपड़ों आदि के बारे में झूठ बोला। यह 27.5 प्रतिशत आंका गया है।
- आमतौर पर, पार्किंसंस रोग वाले लोग झूठ बोलने में असमर्थ होते हैं। मस्तिष्क पर बीमारी के प्रभाव के कारण उनके लिए झूठ बोलना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
यहां तक कि अगर हर कोई झूठ बोल रहा है, तो केवल 1% लोगों-पुलिस, वकील और न्यायाधीश-के पास झूठ बोलने की प्रतिभा है। हालाँकि, हर किसी के पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है। एनसीबीआई (N.C.B.I.) के आंकड़ों के अनुसार, 50% से अधिक उत्तरदाता असत्य का अनुमान लगाने में भी असमर्थ हैं। सत्य और असत्य के बीच अंतर करने की क्षमता पुलिस, न्यायाधीशों और वकीलों के बीच थोड़ी बेहतर है। पृथ्वी पर 1% से कम लोगों को झूठ को तुरंत पहचानने की क्षमता का उपहार दिया जाता है। वे आसानी से समझ जाते हैं कि सामने वाले लोग कब गाना बजा रहे हैं, लोगों की हरकतों और बोलने के तरीके से। जब सच खेला जा रहा है, तो झूठ बोलो।
लोगों द्वारा झूठ बोलने के कारण
1. सामाजिक दबाब (Social Pressure ): आधुनिक समाज में, लोगों को अक्सर उनके सामाजिक स्थिति, पेशे और आर्थिक स्थिति के आधार पर मापा जाता है। ऐसे माहौल में, कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि उन्हें सोशल प्रेशर का सामना न करना पड़े।2. रोजगार के अवसरों की भागदौड़ (Job opportunity): कई बार लोग अपने रोजगारी अवसरों को बढ़ावा देने के लिए झूठ बोलते हैं, जैसे कि किसी काम के लिए उनके पास अनुभव है जब वास्तविकता में नहीं है।
3. स्वतंत्रता की कमी (Lack of Freedom ): कई बार लोग अपनी स्वतंत्रता की कमी के कारण झूठ बोलते हैं, ताकि उन्हें अपने कार्यों को स्थापित करने का मौका मिले।
4. सामाजिक स्थिति और प्रतिष्ठा (Social status and Prestige ): लोग कई बार झूठ बोलकर अपनी स्थिति और प्रतिष्ठा को बचाने का प्रयास करते हैं, ताकि उनकी समाज में मान्यता बनी रहे।
झूठ के प्रकार
1. सामाजिक झूठ (Social lies) : यह झूठ उन स्थितियों में बोला जाता है जो समाज में उनकी स्थिति को बेहतर दिखाने के लिए किया जाता है।2. व्यक्तिगत झूठ (Individual lies): इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए झूठ बोलता है, जैसे कि किसी कोई सामान देने का बहाना बनाता है ताकि उसे कुछ मिल सके।
3. आवश्यकता के झूठ: ऐसे झूठ को बोला जाता है जो किसी परिस्थिति को बेहतर बनाने के लिए बोला जाता है, जैसे कि अस्पताल में अपने रिश्तेदारों की हालत को बेहतर दिखाने के लिए।
झूट बोलने का प्रभाव
1. विश्वासघात: झूठ बोलने से दूसरों के प्रति विश्वास में कमी होती है, जिससे संबंधों में दूरियाँ बढ़ सकती हैं।2. व्यक्तिगत और सामाजिक परेशानी: झूठ के परिणामस्वरूप व्यक्तिगत और सामाजिक स्थितियों में परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।
3. जानकारी की कमी: झूठ बोलने से जानकारी की सटीकता में कमी हो सकती है, जिससे गलत निर्णय लिया जा सकता है।
संक्षिप्त रूप से, लोग झूठ बोलने के कई कारण हो सकते हैं
जैसे कि सोशल प्रेशर, व्यक्तिगत लाभ, स्थितिके और प्रतिष्ठा के चिंतन, जो कि उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में आसरा डाल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, विश्वासघात, परेशानियाँ और जानकारी की कमी हो सकती है। इसलिए, समाज में ईमानदारी और सटीकता की महत्वपूर्णता को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है
4. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण: झूठ बोलने के पीछे मानसिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि आत्म-संवाद (स्व विचार), स्वार्थ, डर, अनिश्चितता, आत्मसमर्पण की कमी आदि। ये सभी मानसिक प्रक्रियाएं झूठ बोलने के पीछे कारण बन सकती हैं।
5. सामाजिक नैतिकता: समाज में नैतिकता की महत्वपूर्णता होने के बावजूद, कई बार लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका झूठ किसी प्रकार से सहायक हो सकता है। वे सोचते हैं कि इससे उनके लिए या उनके परिवार के लिए कुछ लाभ हो सकता है, जिससे उनकी नैतिकता में कटोत्रा हो सकता है।
6. सामाजिक मीडिया का प्रभाव: आधुनिक दुनिया में सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रभाव होता है। लोग कई बार अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर झूठी जानकारी शेयर करते हैं ताकि वे दुनिया को अपनी आत्म-प्रतिष्ठा का झलक दिखा सकें।
7. शिक्षा और संविदानिकता: शिक्षा का महत्व और संविदानिकता की मान्यता होने के बावजूद, झूठ बोलने वाली घटनाएं भी आजकल काफी आम हैं। यह दिखाता है कि केवल शिक्षा और संविदानिकता ही काफी नहीं हैं, बल्कि व्यक्ति के मानसिक मापदंडों का भी महत्व होता है।
8. सुरक्षा की परिस्थितियाँ: कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि वे किसी खतरनाक परिस्थिति से बच सकें, जैसे कि अपनी सुरक्षा के लिए किसी घातक स्थिति की रिपोर्ट नहीं करना।
4. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण: झूठ बोलने के पीछे मानसिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि आत्म-संवाद (स्व विचार), स्वार्थ, डर, अनिश्चितता, आत्मसमर्पण की कमी आदि। ये सभी मानसिक प्रक्रियाएं झूठ बोलने के पीछे कारण बन सकती हैं।
5. सामाजिक नैतिकता: समाज में नैतिकता की महत्वपूर्णता होने के बावजूद, कई बार लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका झूठ किसी प्रकार से सहायक हो सकता है। वे सोचते हैं कि इससे उनके लिए या उनके परिवार के लिए कुछ लाभ हो सकता है, जिससे उनकी नैतिकता में कटोत्रा हो सकता है।
6. सामाजिक मीडिया का प्रभाव: आधुनिक दुनिया में सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रभाव होता है। लोग कई बार अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर झूठी जानकारी शेयर करते हैं ताकि वे दुनिया को अपनी आत्म-प्रतिष्ठा का झलक दिखा सकें।
7. शिक्षा और संविदानिकता: शिक्षा का महत्व और संविदानिकता की मान्यता होने के बावजूद, झूठ बोलने वाली घटनाएं भी आजकल काफी आम हैं। यह दिखाता है कि केवल शिक्षा और संविदानिकता ही काफी नहीं हैं, बल्कि व्यक्ति के मानसिक मापदंडों का भी महत्व होता है।
8. सुरक्षा की परिस्थितियाँ: कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि वे किसी खतरनाक परिस्थिति से बच सकें, जैसे कि अपनी सुरक्षा के लिए किसी घातक स्थिति की रिपोर्ट नहीं करना।
इन अतिरिक्त पहलुओं को शामिल करके,
आप अपने आलेख को और भी विशाल और समर्थनपूर्ण बना सकते हैं। इसके अलावा, आप अधिक उदाहरण, व्यक्तिगत अनुभव, और वास्तविक जीवन से घटनाओं को भी साझा करके अपने आलेख को और भी मानवीय बना सकते हैं।
9. अधिकारिकता की आवश्यकता: कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि उन्हें किसी स्थिति में अधिकारिकता प्राप्त हो सके। उन्हें लगता है कि झूठ बोलकर वे अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।
10. अनुभव की कमी: कई बार लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि उनके पास उन विशेष विषयों में अनुभव नहीं होता है, जिनके बारे में वे बात कर रहे होते हैं।
11. व्यक्तिगत परायपन: कई बार लोग अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के बारे में झूठ बोलते हैं ताकि वे दूसरों की स्थिति या अपेक्षाओं से दूर रह सकें।
12. खुद को बेहतर दिखाना: व्यक्तिगत और पेशेवर दुनिया में, कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि उन्हें खुद को बेहतर दिखाने का मौका मिल सके।
13. भविष्य की आशा: झूठ बोलकर कई बार लोग अपनी भविष्य की आशा और उम्मीद जताते हैं, जिनके अनुसार उन्हें आने वाले समय में अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने का अवसर मिलेगा।
9. अधिकारिकता की आवश्यकता: कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि उन्हें किसी स्थिति में अधिकारिकता प्राप्त हो सके। उन्हें लगता है कि झूठ बोलकर वे अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।
10. अनुभव की कमी: कई बार लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि उनके पास उन विशेष विषयों में अनुभव नहीं होता है, जिनके बारे में वे बात कर रहे होते हैं।
11. व्यक्तिगत परायपन: कई बार लोग अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के बारे में झूठ बोलते हैं ताकि वे दूसरों की स्थिति या अपेक्षाओं से दूर रह सकें।
12. खुद को बेहतर दिखाना: व्यक्तिगत और पेशेवर दुनिया में, कई बार लोग झूठ बोलते हैं ताकि उन्हें खुद को बेहतर दिखाने का मौका मिल सके।
13. भविष्य की आशा: झूठ बोलकर कई बार लोग अपनी भविष्य की आशा और उम्मीद जताते हैं, जिनके अनुसार उन्हें आने वाले समय में अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने का अवसर मिलेगा।
Disclaimer:-
नमस्कार मित्रों यह लेख सामान्य जानकारी के लिए और "Dainik Bhasker" न्यूज़ पेपर के लेख पर आधारित है अगर कोई त्रुटि हो क्षमा करें